Getting My सफेद मूसली के लाभ To Work



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यह स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भी उपयोगी है क्योंकि इससे दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है।

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इम्युनिटी को बढ़ाकर रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से शरीर को बिमारियों से लड़ने की ताकत आती है। यह संक्रामक बीमारियों में सर्दी-जुकाम में भी खायी जाती है। इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए इसका सेवन करे।

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सफेद मूसली का इस्तेमाल यौन संबंधी विकारों के लिए भी किया जाता है। इसका सेवन करने से शीघ्रपतन, अल्पशुक्राणुता आदि समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही यह वीर्य उत्पादन की मात्रा और गुणवत्ता को भी बेहतर करने में मदद करती है। इस वजह से इसे नपुंसकता का भी अच्छा इलाज माना जाता है। बता दें कि गर्भधारण के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले और अधिक मात्रा में शुक्राणु का होना बेहद ही जरूरी है। यदि शुक्राणु कम मात्रा में होते हैं तो गर्भधारण करने में समस्या आ सकती है। सफेद मूसली पुरुषों में इस समस्या को दूर करती है। साथ ही ये पुरुषों में शुक्राणु की मात्रा को भी बढ़ाती है। यह शरीर के हार्मोन को संतुलित रखने में भी मदद करती है।

सफ़ेद मूसली की खेती की जाने वाले राज्यों में शामिल है। हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु, केरल, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश व वेस्ट बंगाल।

सफेद मूसली के गुण शरीर के लिए कितना फायदेमंद हो सकते हैं, यह तो आप जान चुके हैं। इसके बाद अब आप सोच रहे होंगे कि इसका सेवन किस प्रकार किया जाए। तो चलिए हम यह भी बता देते हैं। सफेद मूसली खाने कि विधि कई हैं। यहां हम इसके कुछ आसान तरीकों के बारे में बता रहे हैं:

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बिजाई के कुछ दिनों के उपरांत ही पौधा उगने लगता है तथा इसमें पत्ते आने लगते है। इसी बीच फूल तथा बीज आते हैं तथा अक्टूबर-नवम्बर माह में पत्ते अपने आप सूखकर गिर जाते हैं और पौधे के कन्द जमीन के नीचे रह जाते है।

कई विशेषज्ञों का मानना है कि सफेद मूसली शुक्राणुओं की संख्या (स्पर्म काउंट) बढ़ाने में मदद करती है , हालांकि इसके वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिलते हैं। लेकिन यह बात पूरी तरह सच है कि सफेद मूसली के सेवन से स्पर्म की गुणवत्ता में सुधार होता है और इससे शुक्राणुओं की गतिशीलता बढ़ती है have a peek at this web-site जिससे शुक्राणु पूरी तरह स्वस्थ रहते हैं।

दुनिया भर में बड़ी तादाद में लोग व्हिस्की का सेवन करते हैं। हर साल मई महीने का तीसरा शनिवार वर्ल्ड व्हिस्की डे के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन जहां लोगों को व्हिस्की के सेवन को लेकर जागरूक किया जाता है। व्हिस्की के शरीर पर होने वाले प्रभावों से लेकर इसके फायदों पर चर्चा की जाती है।

इसे खाली पेट लेना चाहिए। शुरू में इसे कम मात्रा में लें और धीरे-धीरे इस मात्रा को बढ़ाएं। सफ़ेद मूसली कम से कम तीन महीने लें। इसे लम्बे समय तक लेना सुरक्षित है। पेट की समस्या होने लगे तो ली जाने वाली मात्रा कम कर लें।

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